शिक्षा education
शिक्षा education |
पांचवी तक सभी बच्चों को पास कर दिया जाता है। अब कोई पांचवी तक ऐसे ही पास हो गया हो वह आगे की पढ़ाई क्या करेगा। वो बच्चा तो आलसी हो जायेगा। हमारे देश में जिनके पास जितना पैसा होता है वह उतना ही बड़ा school में पढाई करता है। जो गरीब हैं वह सरकारी स्कूलों में पढ़ते हैं।
क्या आपको पता है , विदेशों में प्राइवेट स्कूल नहीं है। वहां अमीर और गरीब सभी वर्ग के बच्चे एक साथ स्कूल में पढ़ते हैं इसीलिए वहां सबको सामान शिक्षा मिलती है और वहां शिक्षा का स्टार ऊँचा है।.
यहाँ स्कोलरशिप साल के एन्ड ने दिया जाता है और विदेशों में साल के स्टार्टिंग से ही दिया जाता है। वहां हर साल एक ही books से पढाई करवाया जाता है और यहाँ हर साल लाखों पेड़ों को काट कर नए books बनाये जाते हैं। हर साल बुक्स के prise बढ़ाये जाते हैं और वहां बुक्स के prise सामान रहते हैं । कितना अमीर है भारत देश और कितनी गरीबी है विदेशों में की वहां एक ही बुक्स को हर साल use करते हैं औऱ यहाँ हर साल नए बुक्स के साथ पढाई की जाती है।
यहाँना जाने कितने NGO हैं फिर भी लाखों पेड़ों को हर साल काट दिया जाता है ।.
इन सब को आसानी से रोका जा सकता है फिर भी हर कोई खामोश है। बुक्स कंपनीया तो हर साल पैसे कमा रही है सरकार को टैक्स मिल रहा है। बिज़नस बढ़ रहा है, तो कोई क्यों रोके चाहे पूरे पेंड कट जाये या गरीब बच्चे बुक्स न खरीदने की वजह से ना पढ़ पाये। लाखों बच्चों को हर साल मजदूर बनना पड़े। पर busuness और टैक्स के लिए ये सब बंद नहीं किया जायेगा। तभी तो मेरा देश महान कहलायेगा.
शिक्षा की कमी की वजह से आज इस देश में छुआ छूत जात पात और ना जाने कितने रूढ़ि वादी परम्पराएं आज भी जीवित है। दुनिया चाँद पर पहुँच गयी , नए नए अविष्कार कर रही है , अपने आप को और बेहतर बनाने में जुटी हुई है टेक्नोलोजि के क्षेत्र में आगे बढ़ रही है और हम एक दूर के जाती और धर्म को छोटा दिखाने और आपस में लड़ाई करने में buzy हैं।.
प्राइवेट स्कूलों के टैक्स के लालच के कारण ना कभी कोई प्राइवेट स्कूल को बंद कर पायेगा और ना कभी मेरा देश महान बन पाएगा ।
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