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आज के दिन में सभी लोगों की ज़िन्दगी में समस्याएं होती है और इसी लिए आज  अपनी ज़िन्दगी जीना भूल गये हैं । समस्याओं को इतना बड़ा समझ लेते हैं और उसके निचे अपने आप को दबा देते हैं । इससे निकलने का सही तरिका है, समस्याओं को देखने का नजरिया बदलो..................







अपनी  समस्यायों को छोटा और  बेक़ार समझना चाहिए ।   जब  तक उसे आप  अपने से छोटा नहीं समझोगे तब तक आप उससे छुटकारा नहीं पा सकते ।  कोई इन्शान किसी समस्या को देख कर उसे अपने मन में एक पहाड़ का रूप दे देता है । यही से असली समस्या की शुरुआत होती है । वो अपने मन  में ही उस समस्या को कठिन बना लेता है । आप उसे  खुद ही महत्वपूर्ण  बना देते हो । कोई इन्शान  अपने मन में सोंच लेता है कि वो कभी क्रिकेट नहीं खेल सकता  तब वो कभी क्रिकेट खेल ही  नहीं सकेगा । किसी आदमी को बुखार है और वो ये सोंच कर आत्महत्या कर ले ये तो बेवहकूफी है

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आप अपने समस्या को पहाड़ समझ कर उसे महत्व देते रहोगे तब तक आप उससे निकल नहीं सकोगे । एक गाना है " दुनिया में कितना गम है पर मेरा गम सबसे काम है " । इसे गहराई  सोंचिये की इस गाने में कितनी सच्चाई छुपी हुई है । ज़िन्दगी समुद्र की तरह होती है जिसमे हमें ये चुनना है की हमें मोती चुन कर इकठ्ठा करना है या कंकड़ । हर इन्शान को अपनी लाइफ में कुछ न कुछ करते रहना चाहिए चाहे वो कुछ भी करे मूवी देखे या टीवी देखे यही असली लाइफ है । अपने समस्याओं से निकलने का  फंडा ये है की उसे एक कापी में लिखो और उसके बाद उस समस्या का उपाय लिखो या ढूंढो । अपनी समस्याओं को लिखने से ही आधी समस्या कम हो जाती है बस एक बार इस बात को कर के देखो परिणाम आपके सामने होगी और उपाय ढूंढने से तो चाँद में जाने का रास्ता मिल जाता है, फिर ये तो कुछ भी नहीं है ।
इन्शान को हरने के बाद ही जीत मिलती है । कोई भी इन्शान छोटा नहीं होता है , अगर छोटी होती है तो उसकी सोंच । हारते तो सब हैं पर ऐसा नहीं है की कोई हार कर नहीं जीता हो । कोई मैच खेलने से पहले ही हार मान लेना ये गलत है । हर इंसान में इतनी ताक़त रहती है की वो जो चाहे वो कर सकता है, बस उसे पहचानने की देर होती है । काबिलियत इन्शान के जन्म से विरासत में मिलती है ।  अपने भीतर के छुपे हुए प्रतिभा को ही पहचान पाना बहुत बड़ी बात है । सोंच समझ कर काम करने में कोई मज़ा नहीं है । मज़ा तो तब आता है जब वो काम दिल को अच्छा लगता है । जिओ दिल से और रहो दिल से वही असली ख़ुशी और असली ज़िन्दगी होगी । जो काम दिल को अच्छा ना लगे जो दिल इज़ाज़त न दे उसे नहीं करना चाहिए । मन ईशान को भृमित करता है और दिमाग सही राह दिखता है और दिल दिमाग के काम से ये फैसला लेता है की उसे इस काम के लिए कितनी ख़ुशी हुई है । जब हमको अनलिमिटेड इंटेरनेट मिलता है तब कैसे अनलिमिटेड ख़ुशी होती है वैसे ही ज़िन्दगी फ्री इंटेरनेट पैक है अनलिमिटेड जो चाहें ब्रोउज़ ओपन या डौन्लोड कर सकते है । मोबाइल का इंटेरनेट पैक ख़तम होने के बाद कैसा लगता है ,और जब पैसे दे कर इंटेरनेट पैक डलवाते हैं तो लिमिटेड में इस्तेमाल करना पड़ता है न उसी तरह इस जिंदगी में अभी जो है वो अनलिमिटेड है बाद में बुढ़ापा और फिर जीने के लिए दवाई , तब पता चलेगा की यही अनलिमिटेड असली  ज़िन्दगी और इंटेरनेट सर्विसेस है । बाद में जीने के लिए रिचार्ज करना होगा । जो करना है, जैसे जीना है अभी जी लो क्या पता कल  हो ना  हो ।  इस अनलिमिटेड इंटेरनेट पच का स्तेमाल करो यार अच्छे से जिओ और ख़ुशी से जिओ । आप सभी को इंटेरनेट पैक ख़तम होने का जितना दुःख होता है ना , तो सोंचो जिंदगिय के ख़तम होने का कितना दुःख होगा । ये सिर्फ एक बार मिली है,  जिससे हमें अनलिमिटेड कर्म करना है ताकि दुनिया हमें युगों - युगों तक याद कर सके । तो इंटेरनेट पच ख़तम होने से पहले जी लो ।

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1 comments:

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Unknown
admin
November 26, 2018 at 1:06 PM ×

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Congrats bro Unknown you got PERTAMAX...! hehehehe...
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